राम हर काल में प्रासंगिक बाड़े. कोरोना काल में भी. लोक में राम, भोजपुरी साहित्य में राम, भोजपुरी कविता में राम, सिनेमा में राम, लोकगीतन में राम, हमनी के जीवन में राम, जीवन शैली में राम, अयोध्या में राम अउर हमनी के धड़कन में राम. हमनी के रोंआ-रोंआ में राम बाड़े, इहे एह लेख के सुर बा. राम के एही तरे के मौजूदगी कोरोना होखे चाहे दोसर कवनो आफत ओकरा से उबरे खातिर धैर्य, सबल अउर सकारात्मक सोच के दिशा सुनिश्चित करेला.
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