Bhojpuri: कोरोना काल में बढ़ल गांव के लोगन के परेशानी, तीसरा लहर में का होई आगे?

गांव में कवनों अइसन घर नइखे, जहॉ केहु कवनों ना कवनों अपना खास के ना खोवले होखें. लेकिन जइसन कुँवर नारायण के एगो कविता में बतावल गईल बा, आ जवना के ई आशय बा कि आदमी के साहस से ताकतवर कवनों आफत, विपत्ति ना हो सकें. एह उम्मीद के सहारे जीवन के नाव आगे खेंवात बा. ई किसानन के जिंदगी में भी तबाही के दुसरका साल चलत बा.
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