समाज का विरोध, दादा का साहस, माता-पिता का त्याग और IAS बन गई किसान की बेटी

अमीरी हो या गरीबी...प्रतिभा अपनी पहचान हर हाल में बना लेती है. फुलवारी शरीफ के एक किसान की बेटी को जब यूपीएससी की सिविल सर्विस परीक्षा में 69वां स्थान प्राप्त हुआ तो वह अपने संघर्ष के दिनों को याद करने लगीं. दादा के साहस, पिता और माता के त्याग को याद कर वह भावुक हो जाती हैं. वह अपने बारे में आगे कई ऐसी बातें बताती हैं जिसे हमें जरूर जानना चाहिये.


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