बिहार के समस्तीपुर जिले सहित आसपास के जिलों में धान की खेती बड़े पैमाने पर किसानों द्वारा की जा रही है. धान की फसल में जिंक की कमी से पौधों की वृद्धि और गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना बनी रहती है, जिससे उत्पादन में कमी और पोषण संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. इस समस्या को प्रबंधित करने के लिए डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक द्वारा दी गई सलाह मानकर निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं. (रिपोर्टः अमित कुमार)
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