DPRO नागेंद्र कुमार ने बताते हैं कि बचपन से ही उन्हें संगीत का शौक था. वे काफी गहराई से गीत को सुनते थे. गाते भी थे और संगीत के क्षेत्र में अपना करियर बनाने के लिए वे सोचते रहते थे. इस दिशा में उन्होंने वाद्य-यंत्रों को भी बजाना सीखा (पियानो, हारमोनियम) राग, ताल और लाय की तालीम प्राप्त की.
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