ज्योतिषाचार्य पीके युग कहते हैं कि गुरु का चंद्रमा के केंद्र में होने से गजकेसरी, चंद्रमा से दशम भाव में गुरु का स्वगृही होने से हंस नामक पंच महापुरुष योग, सूर्य का बुध के साथ रहने से बुधादित्य योग, सूर्य एवं गुरु के एक साथ होने से गुरु आदित्य योग का संयोग बन रहा है.
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